डिजिटल इंडिया कार्यक्रम का सामान्य व्यक्तियों पर पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन (रीवा नगर के विशेष संदर्भ में)

 

ममलेश्वर कुमार पाण्डेय, बिन्द बहादुर कुशवाहा

.प्र.सिंह विश्वविद्यालय रीवा (.प्र.)

*Corresponding Author E-mail:

 

 

डिजिटल इंडिया कार्यक्रम भारत सरकार द्वारा आरंभ किया हुआ एक महत्वाकांक्षी कार्यक्रम है। जिसका मूल उद्देश्य देश के हर विभाग रिकार्ड को एक ही कड़ी से जोड़ना है और वह कड़ी देश की इलेक्ट्राॅनिक डाटा सिस्टम की कड़ी जो की काम की गति को बढ़ाने में मददगार है।

 

डिजिटल इंडिया , प्रभाव

 

 


INTRODUCTION:

डिजिटल इंडिया वह कार्यक्रम है जो कि देश को एक डिजिटल सशक्ति सोसाइटी में तब्दील कर सके और भारत को एक नया रूप दे सकें। डिजिटल इंडिया कार्यक्रम से देश की हर जानकारी और रिकार्ड को स्वाच्छता से इलेक्ट्राॅनिक मोड़ में रखा जा रहा है। जो की आगे काम में सरलता के साथ-साथ तेज रफ्तार भी लाएगा। डिजिटल इंडिया कार्यक्रम की शुरूआत दिल्ली के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में 1 जुलाई 2015 को देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के द्वारा किया गया। आज के इस व्यस्त जीवन में सब कुछ बदलता है। हमारे खाने-पीने से लेकर हमारे काम करने के अंदाज भी समय के साथ-साथ बदलते हैं। ऐसा ही कुछ बदलाव हमारे अपने देश में भी पाया है।

 

डिजिटल इंडिया देश में एक क्रांति लेकर आया है। डिजिटल इंडिया कार्यक्रम करीब 18 लाख नई नौकरियों को जन्म देगा। इससे देश में पनपती बेरोजगारी कुछ हद तक घटेगी। ये कार्यक्रम अपने साथ-साथ काफी और छोटे-छोटे कार्यक्रमों को साथ लाया है। जिससे की देश की नई क्षेत्र में सुधार की उम्मीद है वह दिन दूर नहीं जब डिजिटल इंडिया के कारण पूरे विश्व में भारत की एक अलग पहचान होगी।

 

डिजिटल इंडिया कार्यक्रम से देश के नौजवानों को भी काफी मदद मिलेगी। आज कल पूरे देश में स्टार्ट अप शुरू करने में देश की नौजवानों को डिजिटल इंडिया से काफी मदद मिलेगी। डिजिटल इंडिया से काफी मदद मिलेगी। डिजिटल इंडिया से देश की आर्थिक अवस्था में भी काफी सुधार आने की आशा है। देश को बाहरी राज्यों और देशों से कई प्रकार की चीजों और समानों का इम्पोर्ट करना पड़ता है। लेकिन अब डिजिटल इंडिया से काफी मात्रा में नई स्टार्ट अप खोले जाएगे, जिससे की लगभग सारी चीजों का हमारे देश में ही प्रोक्क्शन हो पायेगा। डिजिटल इंडिया काफी सोची ओर समझी हुई कार्यक्रम है। जिससे पूरा देश आगे बढ़ेगा। और पूरे विश्व के लिये एक उदाहरण बनेगा।

 

डिजिटल इंडिया कार्यक्रम को प्रोत्साहन देने के लिये डिजिटल वीक बनाया जा रहा है जिसके अंतर्गत जनता एवं स्कूल के छात्रों को न्यू टेलीकाॅम सर्विस एवं -गवर्नेस के बारे में जानकारी दी जाएगी। जनता को जागरूक बनाने के लिए डिजिटल इंडिया इन्वेट मनाया जा रहा है जिसके तहत प्रतिदिन दस हजार लोगों को इसका महत्व समझाया जायेगा।

 

सरकार ने डिजिटल साक्षरता के प्रोग्राम को भी आरंभ किया है डिजिटल साक्षरता कार्यक्रमों में एक प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान है जिसका लक्ष्य 2019 तक ग्रामीण भारत में छः करोड़ घरो को डिजिटल तौर पर साक्षर बनाना है। इस योजना कि यह परिकल्पना है। प्रशिक्षण में खास ध्यान लाभार्थी के इलेक्ट्रानिक भुगतान प्रणाली के प्रयोग में दिया जाएगा। परियोजना की सोशल आॅडिट के लिए विश्वविद्यालय काॅलेज के छात्रों केा भी उपयेाग में लाया जाएगा।

 

डिजिटल साक्षरता प्रशिक्षण लाभार्थी को सक्षम बनाता है:

  कम्प्यूटर और डिजिटल डिवाइसों का संचालन करना (टैबलेट, स्मार्टफोन इत्यादि)

  -मेल भेजना, इंटरनेट का उपयोग करना और सरकारी सुविधाओं का लाभ उठाना।

  जानकारी के लिये इंटरनेट उपयोग करना।

  मोबाइल द्वारा नगद भुगतान करना।

 

अध्ययन के उद्देश्य:-

प्रस्तुत शोध के लिये अध्ययन हेतु निम्नलिखित उद्देश्य निर्धारित किये गये हैंः-

1ण् प्रत्येक नागरिक को डिजिटल इंडिया के उपयेागिता से रूबरू कराना।

2ण् नागरिकों के मांग पर शासन की सेवाएॅ प्रदान करना।

3ण् सरकारी विभागों मंे जो कागजी कार्यवाही होती थी अब वह इलेक्ट्रानिक डाटा के रूप हो रही या नही इसकी जानकारी प्राप्त करना।

4ण् पंचायतों को ब्राॅडबैड हाइवोज योजना के अन्तर्गत इन्टरनेट से जोड़ा गया या नही इसकी जानकारी प्राप्त करना।

5ण् सामान्य लोग डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के माध्यम से जो योजनाएॅ चलाई जा रही  उनका कितना उपयेाग कर रहे इसकी जानकारी प्राप्त करना।

 

डिजिटल इंडिया कार्यक्रम एक अहम प्रोजेक्ट है जो देश के हर विभाग को इलेक्ट्रानिकली जोड़ता है। इस कार्यक्रम से देश की करीब 2.5 लाख पंचायतो के समेत 6 लाख गाॅव को ब्राॅडबैंकड से जोड़ने का लक्ष्य है। सरकार ने इस लक्ष्य को 2017 के अंत तक हासिल करने का लक्ष्य रखा है। डिजिटल इंडिया कार्यक्रम का उद्देश्य सामान्य लोगों को इलेक्ट्रानिक मोड़ में रखना है जिससे की देश की संपत्ति की चोरी होने की संभावना कम हो जाये। आज कल देश में सरकार द्वारा विभिन्न स्कीम चलाया जा रहा है। इन स्कीमों के तहत गरीब और जरूरतमंद लोगों की विभिन्न मदद प्रदान किया जाता है। लेकिन असल में ये स्कीमों को सामान्य जनों तक पहुॅचाया ही नही जाता है। बीच में ही स्कीम के अनुसार अयोग्य लोग इसका फायता उठा लेते हैं। इस तरह की लोभ और अनैतिक कार्यो को रोकने के लिए सरकार ने डिजिटल पैमेंट और डिजिटल प्रोग्राम का आरंभ किया है। डिजिटल पैमेंट का उद्देश्य सही लोगों तक उनके हक को पहुंचाना भी है।

 

शोध क्षेत्र क्षेत्र का संक्षिप्त विवरण:-

प्रस्तुत शोध पत्र का अध्ययन रीवा नगर के संदर्भ में है। यहां के मुख्य निवासियों का मुख्य व्यवसाय कृषि है। यहां की जनसंख्या लगभग 235654 है। रीवा नगर को 4 जोन में विभाजित किया गया है जिसके अंर्तगत 45 वार्ड आते हैं। यह रीवा के हुजूर तहसील के अंतर्गत है। रीवा नगर आर्थिक एवं शैक्षणिक क्षेत्र में अग्रणी है। यह एक औद्योगिक नगरी के रूप में प्रसिद्ध है। यहाँ पर एक अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय स्थित है। इसके अतिरिक्त रीवा नगर में चिकित्सा, वाणिज्य, कला, विज्ञान, आयुर्वेद, अभियांत्रिकी शिक्षा महाविद्यालय भी स्थित है।

 

 

 

शोध प्रविधि -

ज्ञान के क्षेत्र में शोध कार्य अपरिहार्य है। शोध कार्यों द्वारा उन प्रश्नों का उत्तर जानने का प्रयास किया जाता है, जिनका उत्तर उपलब्ध नही है। उन समस्याओं का समाधान करने का प्रयास किया जाता है जिनका समाधान उपलब्ध नही है। वर्तमान युग में शोध या अनुसंधान का अत्याधिक महत्व है, क्योंकि किसी भी क्षेत्र से संबंधित तथ्यों का प्रमाणीकरण, नवीनीकरण, एवं सत्यापन अनुसंधान के द्वारा ही किया जा सकता है। सम्बन्धित आंकड़ो को प्राप्त करने के लिये प्राथमिक एवं द्वितीयक दोनों प्रकार के आकड़ों को एकत्र किया गया है। प्राथमिक आकड़े कार्य स्थल पर जाकर उत्तरदाताओं से साक्षात्कार अनुसूची पद्धति के माध्यम से एकत्र किये गये हैं। जबकि द्वितीयक आंकड़े प्रदूषण का मानव स्वास्थ्य एवं सामाजिक प्रभाव से संबंधित विभिन्न प्रकाशित- अप्रकाशित पुस्तकों, शोध पत्र-पत्रिकाओं, समाचार पत्रों, शासकीय प्रतिवेदनों आदि से एकत्र कर प्रयोग किये गये हैं।

 

अध्ययन की आवश्यकता एवं महत्व:-

आज के समय में जब देश की समस्त सेवाओं को कम्प्यूटरीकृत करने की पहल हो रही है तब यह आवश्यक हो जाता है कि भारत की अधिकांश जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करने वाले सामान्य जनता पर इसका क्या प्रभाव पड़ रहा है। समान्य जनता का अध्ययन करने से पता चलता है कि उनकी स्थिति में कितना परिवर्तन आया है और उनके लिये डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के द्वारा जो योजनाएॅ संचालित की गई हैं उन्हें उसका कितना लाभ प्राप्त हो रहा है या आपेक्षित सुधार होने के क्या कारण हैं। अथवा वह स्वयं के लिये चलाई जा रही योजनाओं के संबंध में कितने जागरूक हैं।

  

शोधार्थी उपर्युक्त वर्णित प्रश्नों के आधार पर स्पष्ट करने की कोशिश किया है कि अध्ययन का विषय वर्तमान समय में अति आवश्यक महत्वपूर्ण है क्योंकि समाज में जब तक किसी योजना विशेष की संपूर्ण जानकारी लाभार्थी या सामाजिक प्राणी प्राप्त  नहीं कर लेते तक तक वह इसका लाभ प्राप्त नहीं कर सकते। शोधार्थी द्वारा चयनित किए गये अध्ययन विषय के महत्व को निम्न बिन्दुओं द्वारा स्पष्ट किया जा सकता है:-

 

1. डिजिटल इंडिया कार्यक्रम से प्राप्त सुविधाओं से संबंधित जानकारी का अध्ययन।

2. डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के माध्यम से जो योजनाएॅ चलाई जा रही हैं उनका लाभ हितग्राहियों को समय पर मिलता है या नहीं आदि को प्रस्तुत लघु शोध कार्य द्वारा स्पष्ट करना है।

3. डिजिटल इंडिया कार्यक्रम द्वारा सरकारी प्राइवेट विभाग में जो कदम उठाये गये है इन सभी जानकारियों को स्वयं हितग्राहियों से प्रत्यक्ष संपर्क साक्षात्कार द्वारा प्राप्त करना। उपर्युक्त बिन्दुओं से स्पष्ट हो जाता है कि शोधार्थी का विषय काफी रूचिकर और महत्वपूर्ण है। तथा शोधार्थी के मनोभाव जिज्ञासा वर्तमान समय में सार्थक और सही है।

 

पूर्व में किये गये कार्यो की संक्षिप्त समीक्षा -

किसी भी शोध कार्य को अत्याधिक प्रभावी बनाने की दृष्टिकोण से यह आवश्यक हो जाता है कि शोधार्थी अपनी शोध समस्या के समरूपपूर्ण किए गये अन्य शोध कार्यो के बारे में जानकारी प्राप्त कर लें, वैसे उस विषय पर कोई शोध नहीं हुआ है। परंतु इससे संबंधित कुछ कार्य अनुसंधानकर्ताओं द्वारा किये गये हैः-

 

त्यागी (2014) के अनुसार:-

डिजिटल इंडिया कार्यक्रम का तात्पर्य लोगों में डिजिटल शक्ति को उत्पन्न करना है और जहाँ लोग घण्टों लाईन में खड़े होकर अपना काम करते थे वही डिजिटल इंडिया कार्यक्रम कि मदत से घर में बैठकर कर सकते हैं।

 

अंसारी एवं जुबेरी (2015) के अनुसार:-

डिजिटल इंडिया कार्यक्रम से तात्पर्य देश की जो कागजी कार्यवाही है उसे खत्म करके उसे इलेक्ट्रानिकली रूप में रखना है इससे देश के कागज का उपयोग कम होगा और डाटा कम्प्यूटर में हमेशा स्टोर रहेगा।

 

सोहेल एवं अहमद (2015) के अनुसार:-

डिजिटल इंडिया कार्यक्रम लोगों के लिये सौगात लेकर आया है जहाँ लोग घण्टों लाइन में लग कर डाॅक्टर से अपाइमेंट लेते थे वही अब -हाॅस्पिटल पोर्टल के माध्यम से जनता आसानी से डाॅक्टर से कंसल्ट कर सकते है और संकट के समय किसी भी रोग के बारे में सभी जानकारी आसानी से इस पोर्टल के माध्यम से प्राप्त कर सकते हैं।

परिकल्पनाएॅ -

प्रस्तुत शोध ‘‘डिजिटल इंडिया कार्यक्रम का सामान्य लोगों पर पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन के लिये निम्न परिकल्पनाऐं है -

1. रीवा के सामान्य लोगों के लिए एक जनोपयोगी सेवा के लिये पूरे देश में डिजिटल संरचना हो क्योंकि ये तेज गति की इंटरनेट सुविधा उपलब्ध करायेगा। जिससे सभी सरकारी सेवा आसान और तेज हो जायेंगी।

2. डिजिटल इंडिया कार्यक्रम नागरिकों को जीवनपर्यन्त आॅन लाईन और प्रमाणिक रूप से डिजिटल पहचान उपलब्ध करायेगा। ये किसी भी आॅन-लाईन सेवा जैसे-बैंक खाता सम्भालना, वित्त प्रबन्धन, सुरक्षित और सुनिश्चित साइबर स्पेस, शिक्षा, दूरस्थ शिक्षा आदि के लिये बेहद कारगर साबित होगा।

3. सुशासन की अत्यधिक मांग और आॅन-लाइन सेवा डिजिटलाइजेशन के द्वारा वास्तविक समय में सभी सेवाओं को उललब्ध करायेगा। डिजिटल रूप में बदली हुई सेवा भी वित्तीय लेनदेन को आसान इलेक्ट्रानिक और बिना नगद के बनाने के द्वारा आॅन लाईन व्यापार करने के लिये लोगों को बढ़ावा देगी।

4. सामान्य लोगों का डिजिटल सशक्तिकरण, डिजिटल संसाधनों की वैश्वीक पहुॅच के द्वारा डिजिटल साक्षरता को वास्तव में मुमकिन बनायेगी।

5. आॅन-लाईन प्रमाण पत्र या जरूरी दस्तावेजो को जमा करने के लिये डिजिटल इंडिया कार्यक्रम लोगों को सक्षम बनायेंगी।

6. डिजिटल इंडिया कार्यक्रम आज के परिवेश में अतिआवश्यक है।

 

डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के अन्तर्गत चलाये जाने वाले प्रमुख योजनाएॅ निम्न है

1.  ब्राॅडबैंड हाइवेज:-

ब्राॅडबैंड हाइवेज योजना के अन्तर्गत देश के सभी गाॅवों को इन्टरनेट से जोड़ा जायेगा, जिसके लिए फाइबर आॅप्टिक्स केबल बिछाया जा रहा है इसके निर्माण से अगले तीन सालों के भीतर देशभर के ढाई लाख पंचायतों को इससे जोड़ा जाएगा और लोगों को सार्वजनिक सेवाएॅ मुहैया करायी जायेंगी। इसमें से लक्ष्य रखा गया है कि हर ग्राम पंचायतों को 100 एमबीपीएस की स्पीड से ब्राडबैंड कनेक्टिविटी प्रदान कराना हैं।

2. सभी के लिये मोबाइल कनेक्टिविटी:-

इस योजना के अंतर्गत देश के ग्रामीण इलाकों में मोबाइल फोन की सुविधा उपलब्ध कराना है। देशभर में लगभग सभी इलाकों में प्रत्येक नागरिक के पास मोबाइल की सुविधा है परंतु अधिकतर गाॅवों मं अभी तक ज्यादातर नागरिकों के पास मोबाइल की सुविधा नहीं है। जून 2014 तक भारत में तकरीबन सवा अरब की आबादी में मोबाइल फोन कनेक्शन की संख्या करीब 80 करोड़ थी। इस योजना के माध्य से देश के 55,000 गाॅवों में अगले 5 सालों के भीतर मोबाइल संपर्क की सुविधा सुनिश्चित करने के लिए 20,000 करोड़ की युनिबर्सल सर्विस आॅब्लिकेशन फंड का गठन किया गया है। इससे ग्रामीण उपभोक्ताओं के लिये इंटरनेट और मोबाइल बैंकिंग के इस्तेमाल में आसानी होगी।

 

3. पब्लिक इंटरनेट एक्सेस प्रोग्राम:-

इस योजना के अन्तर्गत सभी सरकारी विभागों को भविष्य में इन्टरनेट से जोड़ा जायेगा ताकि आम आदमी तक इसकी पहुॅच बढ़ाई जा सके इस प्रोग्राम के तहत पेास्ट आॅफिस को मल्टी सर्विस सेन्टर के रूप में बनाया जाएगा। नागरिकों तक सेवाएॅ मुहैया कराने के लिये यहां अनेक तरह की गतिविधियों को चलाया जायेगा।

 

4. -गवर्नेस:-

इस योजना के अन्तर्गत सूचना प्रोद्योगिकी द्वारा कारोबारी प्रक्रिया की पुनः रचना में और सुधार लाना है। मतलब इसमें हर तरह के आवेदन जैसी सुविधा को आॅनलाइन करना है। इसमें सभी तरह के डेटावेस जानकारी को इलेक्ट्रानिक्स रूप दिया जायेगा। जिससे स्कूल प्रमाण पत्रों, वोटर आई.डी. कार्डस, युआईडीए आई (आधार) पेमेंट गेटवे और ड्राइविंग लाइसेंस आदि का आवश्यकता अनुसार आॅनलाइन कही थी और भी इस्तेमाल कर सकेंगे।

 

5. -क्रांति:-

-क्रांति योजना में अनेक बिन्दुओं को फोकर किया गया है। -एजुकेशन के माध्य से सभी स्कूल - काॅलेज को ब्राॅडबैन्ड कनेक्टिविटी दी जाएगी। उन्हें फ्री वाई-फाई की सुविधा दी जायेगी। सभी तरह के कोर्स को आॅनलाइन किया जायेगा।इसके साथ ही स्वास्थ के क्षेत्र में -हेल्थकेयर सुविधा द्वारा आॅनलाइन  मेडिकल, आॅनलाइन मेडिसिन सप्लाई, मरीलों का आॅनलाइन जानकारी जैसी सुविधा मिलेगी। न्याय के क्षेत्र में -कोट, -पुलिस, साइबर सिक्यूरिटी -जेल, -प्राॅस्क्यिूशन की सुविधा तथा वित्तीय इंतजाम के तहत किसानों के लिये मंडीभाव लोन, मोबाइल बैंकिंग, माइक्रो-एटीएम प्रोग्राम जैसी अनेक सुविधाएॅ नागरिकों को मिलेगी।

 

6. सभी के लिये जानकारी:-

इस कार्यक्रम के तहत सरकार जानकारी बेबसाइट और सोशल मीडिया द्वारा प्रत्येक नागरिकों को देगी इसके लिए ओपन डाटा प्लेटफार्म मुहैया कराया जाएगा। जिसके माध्यम से नागरिक सूचना तक आसानी से पहुंच सकेंगे। हर नागरिक को टू-वे कम्यूनिकेशन की सुविधा भी दी जायेगी।

 

तथ्यों का सारणीयन विश्लेषण एवं व्याख्या

 

 

उपरोक्त तालिका विश्लेषण से स्पष्ट होता है कि डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के बारे में 70 प्रतिशत लोगों को पता है वहीं 30 प्रतिशत लोगों को अभी भी  इसके बारे में नहीं पता है।

 

अर्थात् उपयुक्त विश्लेषण के आधार पर कह सकते है कि डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के बारे में लोगों को जानकारी का प्रतिशत ज्यादा है।

 

 

शोधार्थी उत्तरदाता द्वारा प्राप्त उत्तरो को तालिकाबद्ध रूप प्रदान किया है। जिसमें यह स्पष्ट होता 50 प्रतिशत लोग कम्प्यूटर का उपयोग करते है, वहीं 30 प्रतिशत लोंग -हास्पिटल पोर्टल के बारे में जानते है और 15 प्रतिशत लोंग -बस्ता पोर्टल के बारे में जानते है और 5प्रतिशत लोंग डिजिटल लाॅक्र्स के बारे में जानते है।

 

इससे स्पष्ट होता है कि लोग अब भी कुछ योजनाओं के बारे में जानते ही नहीं।

  

उपयुक्त तालिका विश्लेषण से स्पष्ट होता है कि 55 प्रतिशत लोंग मोबाईल कनेक्टीविटी से जुड़े हुए है। वहीं 30 प्रतिशत लोग इंटरनेट से जुड़े हुए है और 10 प्रतिशत लोंग मोबाईल बैंकिग का उपयोग कर रहें है। मात्र 5 प्रतिशत लोग -शापिंग का उपयोग कर रहें है।

 

 

उपयुक्त तालिका विश्लेषण से स्पष्ट है कि 30 प्रतिशत लोग पेटीएम का उपयोग करते है, वहीं 20 प्रतिशत लोंग फ्री चार्ज का उपयोग करते है, 35 प्रतिशत लोग फोन-पे का उपयोग करते है और मात्र 15 प्रतिशत लोग भीम ऐप का उपयोग करते है। इससे स्पष्ट होता है कि आज भी लोंग आॅन लाईन ऐप का उपयोग बहुत कम करते हैं।

 

उपयुक्त तालिका विश्लेषण से स्पष्ट होता है कि 75 प्रतिशत लोगों से जब यह पूछा गया कि डिजिटल इंडिया कार्यक्रम से आपको लाभ मिलता है कि नहीं तो उनका उत्तर हाॅ में प्राप्त हुआ वहीं 25 प्रतिशत लोगों का उत्तर नहीं था।

 

निष्कर्षः

1. शोधार्थी अपने शोध कार्य पूर्ण करने हेतु 100 लोगों का चुनाव दैव निदर्शन विधि द्वारा किया है और उनसे डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के नौ कंपोनेटस के संबंध में जाना गया तो पता चला कि ज्यादा लोगों को सारे कंपोनेंटस के नाम तक पता नहीं है। कुछ लोगों को हि नौ कंपोनेटस को नाम पता है।

 

2. शोधार्थी अपने विषय की स्पष्टता हेतु उत्तरदाताओं से पूॅछा गया कि आप अपना बिल कैसे जमा करते है। ज्यादा लोगों का उत्तर सरकारी दफ्तर में जाकर लाइन में खड़े होकर जमा करते है। बहुत से कम लोगों ने बताया कि हम आॅनलाईन अपना बिल जमा करते हैं।

 

3. घर बैठे भीम ऐप के माध्यम से आप अपना पेमेंट कर सकते है के सम्बन्ध में जाना गया तो 30 प्रतिशत उत्तरदाताओं को इसकी जानकारी नहीं है मात्र 70 प्रतिशत उत्तरदाताओं को इसकी जानकारी है।

 

4. -टिकट के संबंध में जाना गया तो 80 प्रतिशत उत्तरदाताओं को इसकी जानकारी है और अपना रिर्जवेशन आॅनलाइन हि करते है। वही 20 प्रतिशत लोगों को -टिकट के बारे में जानकारी नहीं है।

 

5. वृद्धापेंशन के सम्बन्ध में लोगों से पूछा गया तो 45 प्रतिशत लोग आॅनलाईन अपना पेंशन लेते हैं। वही 65 प्रतिशत लोग आज भी बैंकों में लम्बी लाईन में लग कर अपना पेंशन प्राप्त करते हैं।

 

सुझाव:-

परिवर्तन की गति कभी रूकती नहीं है। परिवर्तन एक शास्वत प्रक्रिया है उसी गति में जरूर बदलाव होता रहता है और कुछ समय में परिवर्तन की गति तेज हुई है डिजिटल इंडिया भारत सरकार के बहुउपयोगी कदम है जो कि आगे चल के देश की हर कार्यालयों की काम काम में सहजता और आसानी लाने की एक बड़ी पहल है इससे देश की विकास में अपना अमूल्य योगदान हैं। शोधार्थी द्वारा निम्नलिखित सुझाव प्रस्तुत किया गया।

1. डिजिटल इंडिया कार्यक्रम की जानकारी सबको उपलब्ध कराना।

2. डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के माध्यम से जो योजनाऐं चलाई जा रही उनके बारे में लोगों को जानकारी उपलब्ध कराना।

3. आॅनलाईन काम करने से हमे क्या लाभ-हानि होंगे उसके बारे में बताना।

4. कम समय में हम अपना काम कैसे कर सकते है जैसे किसी को पैसे भेजने है तो हम भीम ऐप के माध्यम से घर में बैठ कर भेज सकते हैं।

5. योजनाऐं संचालित हो जाने से समस्याएॅ समाप्त नहीं होती है अर्थात् उसके क्रियान्वयन में विशेष ध्यान देना चाहिऐ।

6. घर में बैठ कर आॅनलाईन पढ़ाई कर सकते है उसके लिये हमे कोई कोचिंग क्लास नहीं जाना पडे़गा।

7. -शापिंग के माध्यम से हम घर में बैठकर अपने लिये जो खरीदना है खरीद सकते है।

 

उपर्युक्त सुझावों के साथ ही यह कहा जा सकता है कि शासन कितने प्रयास क्यूॅ कर  ले फिर भी उसे आपेक्षित परिणामेां की प्राप्ति नहीं होगी क्योंकि-

‘‘ जन जब तक सोता रहेगा।

  शासन तब तक रोता रहेगा।।’’

 

शासन जन-कल्याण हेतु योजनाओं का संचालन करता है लेकिन वास्तव में यदि अपने शोध में देखा जाए तो सबसे निष्क्रिय जानकारी का अभाव उसी के पास परखा जाता है और इसी अभाव की स्थिति में उसे अनेको महत्वपूर्ण लाभों से वंचित रहना पड़ता है।

 

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Received on 03.06.2019            Modified on 21.06.2019

Accepted on 12.07.2019            © A&V Publications All right reserved

Int. J. Rev. and Res. Social Sci. 2019; 7(3):674-680.